• राष्ट्रसन्त प्रज्ञसागर
    राष्ट्रसन्त प्रज्ञसागर
राष्ट्रसंत श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी

परम पूज्य आचार्य 108 विद्यानंद जी मुनिराज 20वीं और 21वीं शताब्दी के महान दिगंबर जैन संत थे, जिन्होंने जैन दर्शन, योग साधना और अहिंसा के प्रचार में अतुलनीय योगदान दिया। वे एक प्रखर वक्ता, महान विद्वान और समाज सुधारक थे, जिनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं। उनका जीवन करुणा, सत्य और साधना की जीवंत मिसाल है।

राष्ट्रसंत परंपराचार्य श्री प्रज्ञसागर जी

परम पूज्य राष्ट्रसंत परम्पराचार्य 108 प्रज्ञसागर जी मुनिराज दिगंबर जैन धर्म के महान संत हैं, जो कठोर तपस्या, आध्यात्मिक साधना और समाज कल्याण में समर्पित हैं। उन्होंने राष्ट्रहित, शिक्षा, नारी सशक्तिकरण, और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी प्रेरणा से आचार्य विद्यानंद प्रज्ञपीठ और भगवान महावीर सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल जैसे प्रकल्प स्थापित हुए हैं।

अहिंसा परमो धर्मः अहिंसा ही सबसे श्रेष्ठ धर्म है, क्योंकि यह सभी जीवों के प्रति करुणा और प्रेम का प्रतीक है।

आचार्य प्रज्ञासागर जी के प्रमुख कार्य

आचार्य प्रज्ञासागर जी के मार्गदर्शन में आध्यात्मिकता, शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में अनेक प्रेरणादायक पहल की गई हैं। उनका समर्पण समाज को नैतिक मूल्यों और धार्मिक शिक्षा की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अतिशय क्षेत्र श्री दिगंबर जैन रत्नत्रय जैन मंदिर


अतिशय क्षेत्र श्री दिगंबर जैन रत्नत्रय जैन मंदिर

Sector 10 Dwarka,
New Delhi, 110075

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आचार्य प्रज्ञासागर जी के निर्देशन में द्वारका सेक्टर 10, दिल्ली में निर्मित यह भव्य जैन मंदिर आस्था और अध्यात्म का केंद्र है। जैन संस्कृति और वास्तुकला का प्रतीक यह मंदिर श्रद्धालुओं को पूजा, ध्यान और धार्मिक आयोजनों के माध्यम से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

विद्यानन्द गुरुकुलम्


विद्यानन्द गुरुकुलम्

Khera Kalan Rd, Nangli Puna
Delhi, 110036

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आचार्य प्रज्ञासागर जी के मार्गदर्शन में स्थापित विद्यानन्द गुरुकुलम् एक पारंपरिक जैन शिक्षण संस्थान है, जहाँ विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, आवास और धार्मिक मार्गदर्शन मिलता है। सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ-साथ जैन धर्म और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर उन्हें समाज सेवा के लिए प्रेरित किया जाता है।

राष्ट्रसन्त प्रज्ञसागर

संयम ही जीवन का असली श्रृंगार है - जितना अधिक हम अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखते हैं, उतना ही हम आत्मिक शांति के निकट आते हैं।

राष्ट्रसन्त प्रज्ञसागर

तस्वीरों में संजोया हमारा इतिहास

आचार्य प्रज्ञासागर जी महाराज की प्रेरणा और आशीर्वाद से जुड़ी अविस्मरणीय स्मृतियाँ, विशेष अवसर और ऐतिहासिक क्षणों को इन तस्वीरों के माध्यम से अनुभव करें। यह चित्र यात्रा आपको गुरुकुल की स्थापना, धार्मिक आयोजन, सेवा कार्यों और आध्यात्मिक मार्गदर्शन की झलक प्रदान करेगी।
हर तस्वीर एक कहानी कहती है – एक ऐसी कहानी जो समर्पण, त्याग और आस्था का प्रतीक है

2550 भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव

आचार्य विद्यानंद प्रज्ञपीठ

रत्नात्रया जैन मंदिर

अतिथि पुस्तिका

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